बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

विष्णु

विष्णु आदि तीन शक्तियों में से एक 




विष्णु आदि तीन शक्तियों में से एक हैं। विष्णु पालन करने शक्ति है , वह समस्त विश्व का पालन करती है । विष्णु के अनेक अवतार हैं ; जिनमें श्री राम एवं श्री कृष्ण विशेष प्रसिद्ध हैं। इनके चरणों से गंगा निकलती है । यह गंगा ही प्रतीकात्मक रूप में सम्पूर्ण सृष्टि को शस्य -श्यामल कर देती है । एकरूप से यह गंगा विष्णु -रूप ही है , जो माता के समान पूरे विश्व का पालन करने में रत है।

 विष्णु का स्वरूप हमें एक प्रतीकात्मक संकेत प्रदान करता है। यदि भक्त उन प्रतीकों को समझ कर अपने जीवन में धारण करे तो उसका कल्याण हो सकता है । भगवान विष्णु क्षीर- सागर में निवास करते हैं , लक्ष्मी उनके पैर दबाती है ;इस प्रकार का व्यक्ति तो महा वैभव -सम्पन्न होना चाहिए।



 ऐसे व्यक्ति में अहंकार होना स्वाभाविक -सा हो जाता है -। पर विष्णु अहंकार रहित और शांत हैं , वे शेष नाग पर विश्राम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भला कौन शांत रह सकता है । वह ही व्यक्ति शांत रह सकता है , जो निर्विकार ,निर्भय एवं निर्वैर हो । ऐसा अत्यंत साधना के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है । विष्णु के पास शंख,चक्र ,गदा आदि भी हैं , जिनसे वे शत्रुओं का संहार भी कर सकते हैं । हम उनके भक्तों में भी उतनी शक्ति होनी चाहिए , ताकि हम में भी अन्याय के विरोध करने की क्षमता हो। चित्र से चरित्र की प्रेरणा लेकर समता- भाव को विकसित करना चाहिए, वैकुण्ठ का यहीं सृजन हो सके । देखें ' शिव'&&&&&&&&&&&&




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