सोमवार, 19 अगस्त 2013

लयबद्ध दीर्घश्वास

लयबद्ध दीर्घश्वास 

                                                                      

लयबद्ध दीर्घश्वास द्वारा प्राणायाम - प्रक्रिया रोगमुक्ति का एक सर्वश्रेष्ठ साधन है।  इसमें श्वास - प्रश्वास को क्रमश: गहरा और लम्बा किया जाता है।  धीरे- धीरे श्वास लें और धीरे- धीरे श्वास छोड़ें। अपने चित्त को कंठकूप की श्वासनली में केन्द्रित करें।  श्वास लेते समय श्वासनली को स्पर्श करते हुवे भीतर जाया जाता है और छोड़ते समय भी उसी प्रकार स्पर्श करते हुवे बाहर आते हैं।  इससे श्वास गहरा और दीर्घ होता है।  श्वास को ग्रहण करते समय पेट फूले और छोड़ते समय पेट सिकुड़े ; इसका अवश्य ध्यान रखना चाहिए। 

धीरे- धीरे लम्बा , गहरा और लयबद्ध श्वास लें।  जितने समय में लम्बा , गहरा और धीमी गति से  
श्वास लें , उतने ही समय में धीमी गति से धीरे-धीरे श्वास को बाहर छोड़ें।  यही क्रिया लगातार की जाये।  लयबद्ध रूप से प्रत्येक श्वास 5 सैकंड लें और 5 सैकंड छोड़ें।  

लयबद्ध श्वास मन को एकाग्र और शरीर को सर्वांगपूर्ण स्वस्थ बनाता है।  हमें सर्वदा इस बात का विशेष  ध्यान रखना चाहिए।  ******  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें