चित्त की प्रसन्नता से रोग-मुक्ति
जो रोगों के कारण दुखी रहता है , उस पर रोग अधिक असर करते हैं। जो प्रभु-स्मरण करता रहता है और संयम से रहता है , हमेशा प्रसन्न रहता है और स्वाध्याय शील रहता है उस पर रोग ज्यादा असर नहीं करते। चित्त की प्रसन्नता से ही उसके रोग दूर हो जाते हैं। ___ स्वामी श्री रामसुख दास जी महाराज *******
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